Budget 2022: जीडीपी का कम से कम 6% हो शिक्षा बजट, एजुकेशन लोन पर इंटरेस्ट सब्सिडी स्कीम लाए सरकार
Budget 2022: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) आगामी 1 फरवरी को आम बजट पेश करेंगी. बजट से एजुकेशन सेक्टर को भी काफी उम्मीदें हैं.
Budget 2022: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) आगामी 1 फरवरी को आम बजट पेश करेंगी. बजट से एजुकेशन सेक्टर को भी काफी उम्मीदें हैं. शिक्षाविद् और सेक्टर के जानकारों का कहना है कि सरकार को शिक्षा बजट कम से कम GDP का 6 फीसदी करना चाहिए. वहीं, प्राइमरी शिक्षा को ज्यादा प्रभावी बनाने की आवश्यकता है. ऑनलाइन पढ़ाई सुलभ और सस्ता बनाने के लिए देशभर में बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ-साथ छात्रों को अफोर्डेबल 5G डिवाइसेस उपलब्ध कराने की योजना लानी चाहिए. इसके अलावा, हायर स्टडी के लिए ज्यादा स्कॉलरशिप्स और एजुकेशन लोन पर भी मॉरेटोरियम जैसी सुविधाएं दिए जाने की जरूरत है.
शिक्षाविद् व एक्शन कमेटी ऑफ प्राइवेट अनएडेड रिकग्नाइजड स्कूल के प्रेसिडेंट एसके भट्टाचार्य का कहना है, शिक्षा नीति 2020 के मुताबिक शिक्षा में सुधार लाने को लेकर सरकार के सामने कई बड़ी चुनौतियां हैं. एक तरफ हम स्कूलों के बुनियादी ढांचे में सुधार करना चाहते हैं, वहीं दूसरी ओर करीब 90 फीसदी स्कूल, स्कूल चलाने के लिए जरूरी मिनिमम स्टैंडर्ड को पूरा नहीं करते हैं. ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में स्थिति काफी खराब है. दूसरी बड़ी चुनौती टीचिंग लर्निंग प्रक्रिया में सुधार करना है.
ऐसे में आवश्यक सुधारों के लिए बजट (Budget) में वित्त मंत्री 10 से 15 सालों के लिए एक लंबी अवधि की योजना लाएं. साथ ही इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए एक रोड मैप पेश करें. शिक्षा क्षेत्र में प्राथमिक स्तर पर सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है. शिक्षा बजट बीते 10-15 सालों में जीडीपी का 3 से 4 फीसदी ही रहा है. इसमें बढ़ोतरी करना होगा.
GDP का 6% हो शिक्षा बजट
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जेके लक्ष्मीपत यूनिवर्सिटी के प्लेसमेंट एंड एडमिशन डायरेक्टर डॉ. पंकज शर्मा का कहना है, महामारी के चलते देश के कई हिस्सों में बच्चों को शिक्षा नहीं मिल पा रही है. इस बजट में सरकार को देशभर में बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए योजनाएं लाने की जरूरत है. इसके अलावा, अफोर्डेबल 5G डिवाइस सभी बच्चों को उपलब्ध हो, जिससे बच्चे पढ़ाई ऑनलाइन भी जारी रख सके. इस पर ध्यान देना होगा. डॉ. शर्मा का कहना है, अगर हम शिक्षा बजट के आवंटन पर नजर डालें, तो भारत अपनी कुल जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का केवल 4.6 फीसदी ही खर्च करता है. इसलिए सरकार को जीडीपी का कम से कम 6 फीसदी शिक्षा क्षेत्र को आवंटन देना चाहिए.
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एजुकेशन लोन पर आए इंस्टरेस्ट सब्सिडी स्कीम
एडटेक स्टार्टअप योकेट के को-फाउंडर सुमित जैन का कहना है कि एडटेक कंपनियों और छात्रों के लिए एड-टेक पॉलिसी लागू किए जाने की जरूरत है. इसमें सेल्फ रेग्युलेशन समय की जरूरत है. जैन का कहना है कि भारत में एजुकेशन लोन में भी काफी NPAs है. यह ज्यादातर घरेलू सेक्टर में है और बैंकों की सेहत पर इसका बुरा असर हो रहा है. इंटरनेशनल एजुकेशन के मामले ऐसी स्थिति नहीं है. विदेशों में हायर स्टडी के लिए जाने वाले ज्यादातर छात्र एजुकेशन लोन पर पढ़ रहे हैं. NPA कम रखने के लिए सरकार 20 लाख से ज्यादा का लोन भी प्राइयारिटी सेक्टर के अंतर्गत लाए. सरकार एजुकेशन लोन पर कुछ ब्याज माफी (या सब्सिडी) स्कीम भी ला सकती है.
जैन का कहना है कि हायर एजुकेशन काफी महंगी है. ऐसे में इसे प्रमोट करने के लिए ज्यादा से ज्यादा स्कॉलरशिप्स और इनोवेटिव तरीकों की जरूरत है. इसके अलावा सभी तरह तरह के ऑनलाइन एजुकेशन कोर्सेस पर जीएसटी 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी किया जाना चाहिए. बजट सेशन में इस पर चर्चा की जा सकती है, जिस पर आगे जीएसटी काउंसिल विचार करे. एजुकेशन सेक्टर में स्टार्टअप को प्रमोट करने के लिए कुछ टैक्स बेनेफिट दिए जाने की जरूरत है.
08:35 PM IST